दिल में एक तस्वीर सी बनी है,
रब जाने कौन है वो !
मदभरी खुशबू-सी है आती,
जब जहन में है आते वो !
अरे! ये कैसी तरंग है फ़िज़ाओं में,
सिर्फ उन्हीं का अह्सास होता है !
दिल जान से हैं चाहते उन्हें हम फिर भी,
ना जाने क्यों वो हमें तड़पाता है ! ! !
@ Dins'
रब जाने कौन है वो !
मदभरी खुशबू-सी है आती,
जब जहन में है आते वो !
अरे! ये कैसी तरंग है फ़िज़ाओं में,
सिर्फ उन्हीं का अह्सास होता है !
दिल जान से हैं चाहते उन्हें हम फिर भी,
ना जाने क्यों वो हमें तड़पाता है ! ! !
@ Dins'
You can write more better
ReplyDeleteभावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहिए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लिए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
www.zindagilive08.blogspot.com
आर्ट के लिए देखें
www.chitrasansar.blogspot.com
स्वागत है आपका लिखते रहें।
ReplyDelete**VERY GOOD
ReplyDeletePLEASE VISIT MY BLOG...........
"HEY PRABHU YEH TERAPANTH "
विनय भाई
ReplyDeleteसुंदर शुरुआत, गीतों की अच्छी शुरुआत
बहुत खूब. स्वागत ब्लॉग परिवार और मेरे ब्लॉग पर भी.
ReplyDeleteनव वर्ष २००९ मंगलमय हो
ReplyDeleteआपका साहित्य सृजन खूब पल्लिवित हो
प्रदीप मानोरिया
09425132060
धन्यवाद् मित्रों, आपकी सराहनाओं से मेरे हौसले को एक बल सा मिल गया है.....!
ReplyDeleteमेरी यही कोशिश होगी की मैं अपनी भावनाओं को आप लोगों तक पहुंचता रहूँ...!
@ Dins'