Wednesday, July 6, 2011

जो उनके मदहोशी में खोये न होते कभी...!



महसूस न किया होता अपने
दिल की धडकनों को कभी,
उनके दिदार ने धड़कनों को
जो कभी रोका न होता,

बढ़ चले होते संग
कारवां के हम भी,
जो उनके मदहोशी में
खोये न होते कभी...!

- दिनेश सरोज

छवि साभार

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