हैं यादें उसकी जहन में मेरे -
आज भी बसी कहीं|
है पकड़ उसके बाँहों की -
आज भी मेरे आगोश में|
है पड़ती सुनाई मुझे -
अब भी कहीं,
उसकी मीठी आवाज|
पर नजर नहीं आती कहीं -
उसकी वो हसीं मुस्कान|
उसकी शरारत को मैं -
तरसता सा हूँ अक्सर|
ख्वाबो में मेरे हर रात -
आते हैं मंजर,
जो गुजरे थे उसके साथ|
ए भाई जान ले -
इस दिल में मेरे है बरकरार,
आज भी तेरी याद !
@ Dins'
आज भी बसी कहीं|
है पकड़ उसके बाँहों की -
आज भी मेरे आगोश में|
है पड़ती सुनाई मुझे -
अब भी कहीं,
उसकी मीठी आवाज|
पर नजर नहीं आती कहीं -
उसकी वो हसीं मुस्कान|
उसकी शरारत को मैं -
तरसता सा हूँ अक्सर|
ख्वाबो में मेरे हर रात -
आते हैं मंजर,
जो गुजरे थे उसके साथ|
ए भाई जान ले -
इस दिल में मेरे है बरकरार,
आज भी तेरी याद !
@ Dins'
yaad barkaraar rakhe..
ReplyDeletevese yaade barkaraar rakhne ke liye hi hoti he yado ko bhulaya kese jaay?
"jitna me chahoo bhulana utni vo yaad aati he
raato me bhee parchhai bankar vo
saath aati he...."
achcha likhte he aap..
pahli baar aapke blog par aaye..aata rahunga..
Khamosh Raaton Mein Jab Taare Gungunate Hai,
ReplyDeleteMehekti Chandni Me Jab Samundar Jhilmilate Hai,
Reh Reh Ke Phir Woh Humko Yaad Aate Hai.