दीपों कि जगमग,
रंगोली की चमक,
पकवानों कि महक,
अपनों कि झलक,
तमन्ना लिए पलक,
अँधियारा चीरती रोशनी,
कंदीलों कि जगमगाहट,
फूलझड़ीयों की चकाचौंध,
पटाखों के शोर,
बच्चों का अह्लाद,
मदमस्त सा कोलाहल,
प्रियजनों से मिलन,
भुला सारे उलझन,
उमंगों से भरें जीवन,
तेरे-मेरे का भेद बिसर,
भुला मजहबी भेद,
गले मिलें एक हो,
बाँटें खुशियाँ चहुँ-ओर,
इन खुशियों के बिच,
न भूले उन्हें,
हैं जिनके ऋणी,
जो अपनों से दूर,
बैठे हैं सरहदों पर,
औ' हैं जो यतीम,
हैं फिर भी चहकते,
कर इक छोटा-सा यत्न,
संभाले रखें उनकी चहक,
दीपों के वन्दनवार में,
इस दिल की पुकार से,
कर तुम्हें नमन,
कहता हूँ सभी को,
शुभ दीपावली!!!
रंगोली की चमक,
पकवानों कि महक,
अपनों कि झलक,
तमन्ना लिए पलक,
अँधियारा चीरती रोशनी,
कंदीलों कि जगमगाहट,
फूलझड़ीयों की चकाचौंध,
पटाखों के शोर,
बच्चों का अह्लाद,
मदमस्त सा कोलाहल,
प्रियजनों से मिलन,
भुला सारे उलझन,
उमंगों से भरें जीवन,
तेरे-मेरे का भेद बिसर,
भुला मजहबी भेद,
गले मिलें एक हो,
बाँटें खुशियाँ चहुँ-ओर,
इन खुशियों के बिच,
न भूले उन्हें,
हैं जिनके ऋणी,
जो अपनों से दूर,
बैठे हैं सरहदों पर,
औ' हैं जो यतीम,
हैं फिर भी चहकते,
कर इक छोटा-सा यत्न,
संभाले रखें उनकी चहक,
दीपों के वन्दनवार में,
इस दिल की पुकार से,
कर तुम्हें नमन,
कहता हूँ सभी को,
शुभ दीपावली!!!
- दिनेश सरोज
बहुत सुन्दर भाव लिए बहुत अच्छी प्रस्तुति !
ReplyDeleteआपको सपरिवार प्रकाश पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ !!
उल्फ़त के दीप