Friday, November 12, 2010

प्यार में नाम कर जाओगे

प्यार को न तौलो आंसुओं से,
.
जितना बहाओगे प्यार में तुम आंसू,

 .
उतना ही ज्यादा उसे सींचते जाओगे, 
.
करोगे जितना टूट कर मुह्हबत सनम से,
.
प्यार में नाम उतना तुम कर जाओगे |

" दिनेश सरोज " 



छवि साभार : गूगल छवि

Wednesday, November 3, 2010

शुभ दीपावली!!! - बाँटें खुशियाँ चहुँ-ओर...

दीपों कि जगमग,
रंगोली की चमक,
पकवानों कि महक,
अपनों कि झलक,
तमन्ना लिए पलक,
अँधियारा चीरती रोशनी,
कंदीलों कि जगमगाहट,
फूलझड़ीयों की चकाचौंध,
पटाखों के शोर,
बच्चों का अह्लाद,
मदमस्त सा कोलाहल,
प्रियजनों से मिलन,
भुला सारे उलझन,
उमंगों से भरें जीवन,
तेरे-मेरे का भेद बिसर,
भुला मजहबी भेद,
गले मिलें एक हो,
बाँटें खुशियाँ चहुँ-ओर,
इन खुशियों के बिच,
न भूले उन्हें,
हैं जिनके ऋणी,
जो अपनों से दूर,
बैठे हैं सरहदों पर,
औ' हैं जो यतीम,
हैं फिर भी चहकते,
कर इक छोटा-सा यत्न,
संभाले रखें उनकी चहक,
दीपों के वन्दनवार में,
इस दिल की पुकार से,
कर तुम्हें नमन,
कहता हूँ सभी को,
शुभ दीपावली!!!



- दिनेश सरोज

 छवि साभार: गूगल छवियां

Tuesday, November 2, 2010

तेरी याद!

हर वो पल लगे जैसे गुजरा बस अभी,
जब तू मेरी उंगली थामे फिराता मुझे,
मुझे अपने बाँहों में समेटे रहता,
घोड़ा बन मुझे घुमाता इधर-उधर,
फिर झट से अपने कंधे पर बिठा लेता,
तेरे छुवन का अहेसास अब भी -
महसूस होता है मुझे अक्सर |

अब भी रुलाता है जोरों से मुझे,
तेरा समंदर में डुबकी लगा -
डूबने का अभिनय करना,
तेरी मीठी आवाज कि गुंजन,
मुझे सम्मोहित अब भी करती है,
तेरे रटाये पहाड़ों को मैं,
दोहराता हूँ आज भी कभी-कभी |

अब भी सिहर-सा उठता है,
तेरी डांट से बदन मेरा,
तेरी पुकार पर नजर मेरी,
तुझे पास ही कहीं ढुं
नें लगती है,
तेरी याद रातों को अक्सर,
अब भी जगाये रखती है मुझे,
आता हूँ मिलने तुझसे अब भी,
तेरे घुमाये उन जगहों पर |

तेरी मुस्कान अब मैं अपने,
होंठो पर सजाये रखता हूँ ,
तेरी हँसी का पिटारा यहाँ-वहां,
अब मैं ही बिखेरता रहता हूँ,
ओढ़े रहता हूँ तेरा वो अक्कड़पन,
तेरे दिखाए सपनें देखता हूँ,
अब भी मैं अक्सर रातों में,
तुझी से सीखे अंदाज में,
 

मैं जीवन जीने का आनंद लेता हूँ |

- तेरा- दिनेश 

छवि साभार: गूगल छवियां