दोस्ती होती नहीं दो-चार मुलाकातों से,
ना ही होती ये कुछ-एक ज़ज्बातों से!
औ' न ही प्यार जताने से!
दोस्ती क्या है ये तुम खुद जान जाओगे,
जब बंद आँखों में हमें ही पाओगे!
@ Dins'
ना ही होती ये कुछ-एक ज़ज्बातों से!
औ' न ही प्यार जताने से!
दोस्ती क्या है ये तुम खुद जान जाओगे,
जब बंद आँखों में हमें ही पाओगे!
@ Dins'
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