Wednesday, May 19, 2010

तेरी उस इक झलक नें हमें,
नई कोई राह दिखा दिया,

जिंदगी से भागते फिरते रहे,
नई इक आस जगा दिया,

कहीं मेहरबान मुझ पर,
अब फिर से खुदा तो नहीं,

पहले दिल में मेरे और अब,
तुम्हें मेरी आगोश में ला दिया!

@  दिनेश सरोज

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