Thursday, August 6, 2009

गम-ऐ-मुहब्बत

"गम-ए-मुहब्बत हमें भी था -
और शायद उन्हें भी...

दिल का लगाना खेल तो नहीं था -
मुहब्बत उनसे आज भी है...

आज दूर ही सही हमसे फिरभी -
वो हमारे जज्बात में तो है..."

@ Dins'

Tuesday, August 4, 2009

दोस्ती क्या है

दोस्ती होती नहीं दो-चार मुलाकातों से,
ना ही होती ये कुछ-एक ज़ज्बातों से!
औ' न ही प्यार जताने से!
दोस्ती क्या है ये तुम खुद जान जाओगे,
जब बंद आँखों में हमें ही पाओगे!


@ Dins'