Wednesday, July 29, 2009

तू रहेगा जिन्दा सदा हमारे दिलों में!!!

तेरी खुशबु इस धारा पर सदा ही महकती रहेगी,

अस्मां भी तेरे शान की गवाही देगा सदा,

तू रहे रहे जहाँ में लेकिन बन्दे,

तेरा वजूद हर-इक दिल में धड़कता रहेगा,

तू रहेगा जिन्दा सदा हमारे दिलों में,

ये चमन बिखेरता रहेगा तेरी रवानी जहाँ में,

भौंरे तेरे मौज का संगीत सुनाते रहेंगे,

तेरा हाथ रहे रहे फिर मेरे हाथ में कभी,

उसकी पकड़ मेरे साथ सदा रहेगी,

कायनात का हर जर्रा सुनाएगा तेरी दास्ताँ,

तेरी हुकूमत में औलिया भी सर नवाजेंगे|

@ Dins'

Saturday, July 25, 2009

आत्ममंथन

चले जायेंगे जब यहाँ से,
सोचा है के याद आएंगे,
इस जहाँ को किस तरहा से?

जिए तो हम खूब अपनी जिंदगी,
अरे! क्या कभी देखा है,
मुफ़लिसों की बस्ती?


सभी अपनें तो है करीब मेरे,
पर किसे होगी मेरी कमी,
क्या कभी
ये पूछा है खुदसे?

हमारी तो बड़ी खुश-हाल
है जिंदगी,
क्या है तुम्हारा गम कभी,
पूछा है किसी से?

जिसे भी चाहा वो मेरे साथ है,
पर उसने क्या चाहा,
कभी तुमनें जाना है?

हम तो है आजाद पंछी,
कभी सोचा है तुमनें,
की क्या होती है दासता?

@ Dins'